सफ़ेद मुलसी के वैज्ञानिक खेती करके आप ज्यादा फायदा कमा सकते हैं
सफेद मुसली की खेती के लिए वैज्ञानिक ज्ञान अति आवश्यक है। यह नहीं, इसके नई किस्मों के बारे में भी जानना इससे भी ज्यादा आवश्यक है।
क्या आप सफेद मूसली की वैज्ञानिक खेती करने की सोच रहे हैं? जानिए कैसे कम लागत में अच्छा प्रॉफिट कमाया जा सकता है। जानिए इससे जुड़ी सभी जानकारी विस्तार से जानते हैं।
सफेद मुसली प्रायद्वीपीय भारत में उष्णकटिबंधीय जंगलों में पाई जाने वाली एक प्रकार की औषधीय पौधा है जिसे इंग्लिश में Chlorophytum borivilianum कहा जाता है।
इसकी पत्तियाँ भाले के आकार की होती हैं। भारत के कई हिस्सों में इसके पत्ती को सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और इसकी जड़ को दवा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
सफेद मुस्ली पौधों के Asparagaceae परिवार से है और इसमें Chlorophytum जेनस के पाए जाते हैं।
भारत में सफेद मुसली की खेती हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल और पश्चिमी बंगाल में अधिक पैमाने पर व्यवसाय के लिए किया जाता है।
सफेद मुस्ली के फायदे / स्वास्थ्य लाभ
सफेद मुस्ली शिर्फ सब्जी के काम ही नहीं आती, इसमें कई बीमारियों का इलाज छुपा हुआ है। मुख्य रूप से सफेद मुस्ली का इस्तेमाल इसके औषधीय गुण के कारण आयुर्वेद में आयुर्वेदिक दवाई बनाने के लिए किया जाता है। इसके साथ-साथ शारीरिक बीमारियों को भी दूर करता है।
- अगर आप अपने शरीर में कमजोरी का अनुभव कर रहे हैं तो सफेद मुस्ली का इस्तेमाल करें। इससे शरीर की कमजोरी दूर होती है।
सफेद मुस्ली में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
सफेद मुस्ली का इस्तेमाल एफ्रोडिजिएक एजेंट और वायटलाइज़र के रूप में किया जाता है।
सफेद मुस्ली हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल स्तर को संतुलित रखती है। - सफेद मुस्ली हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है।
- डायबिटीज मरीजों के लिए सफेद मुस्ली रामबाण दवा है।
कैसे करें सफेद मुस्ली की खेती या फार्मिंग कैसे करें?
आपको जानकर हैरानी होगी कि मुस्ली की खेती मीडियम साइज की जमीन (70 से 100 डेसिमल – 30,450 वर्ग फीट से 43,500 वर्ग फीट) में भी की जा सकती है और अगर इसे वैज्ञानिक तरीके से किया जाए तो बम्पर फसल हो सकती है।
और अगर आपके पास बड़ी साइज की खेती लायक जमीन हो तो आप एक साल के अंदर लाखों कमा सकते हैं। और सबसे अच्छी बात यह है कि सफेद मुस्ली को तैयार करने में 8 महीने का समय लगता है।
तो चलिए जानते हैं कैसे आप भी सफेद मुस्ली की उन्नत खेती की जानकारी कैसे पा सकते हैं और कैसे अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं:
सफेद मुस्ली के किस्म / सफेद मुस्ली के विविध प्रकार
यू तो सफेद मुस्ली के कई प्रकार पाए जाते हैं, परंतु भारत में कुछ ही इसके प्रकार की खेती की जाती है। भारत में पाई जाने वाली सफेद मुस्ली के प्रकार:
– RC-5
– RC-15
– CTI-1
– CTI-2
– CTI-17.
लागत / खर्च
कम लागत में अच्छे फायदे कमाना आप चाहते हैं तो आप सफेद मुस्ली की खेती कर सकते हैं। इस खेती में एक एकड़ में 400-500 किलोग्राम मुस्ली के बीज की खेती की जा सकती है। इस खेती में अगर आपको 500 किलोग्राम हाई क्वालिटी वाले मुस्ली निकले तो इसकी बाजार मूल्य 5,00,000 रुपये होगी, जबकि इसका लागत मूल्य 2,50,000 रुपये प्रति एकड़ है।
आवश्यक सामग्री मूल्य
- रोपण सामग्री (बीज) – 300 रुपये प्रति किलोग्राम
जमीन की तैयारी, श्रम शुल्क – 40,000 रुपये
अन्य – 50,000 रुपये
जलवायु / मौसम
जिस प्रकार सभी पेड़ों या फसलों के अच्छे विकास के लिए अनुकूल जलवायु की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार सफेद मुस्ली की खेती मूलतः शुष्क और आर्द्र प्रदेशों में होती है, इन प्रदेशों में इसकी उपज अच्छी होती है।
सफेद मुस्ली के विकास के दौरान इसे हल्की नमी की आवश्यकता होती है, इससे इसके जड़ का अच्छे से विकास होता है।
मिट्टी कैसी होनी चाहिए?
सफेद मुस्ली एक प्रकार का कंदी फसल है, इसलिए इसके विकास के लिए उचित मिट्टी की आवश्यकता होती है। अगर इसकी खेती उसके जरूरत के अनुरूप मिट्टी में की जाए तो सफेद मुस्ली की खेती नहीं हो पाएगी।
इसलिए इसकी खेती करने से पहले मिट्टी की जांच करवा लें, रेतीली दोमट मिट्टी में इसकी उपज अच्छी होती है। और अगर मिट्टी में आर्गेनिक खाद है तो इसकी उपज के साथ इसकी गुणवत्ता भी अच्छी होती है।
सफेद मुस्ली के लिए मौसम
सभी फसलों की तरह सफेद मुस्ली की फसल अवधि होती है। किसी की 3 महीना तो किसी का 6 महीना, परंतु सफेद मुस्ली की फसल अवधि 8 से 9 महीने की होती है।
इसकी खेती मानसून (जून-जुलाई) में होती है और इसकी खुदाई फरवरी या मार्च के महीने में की जाती है।
सफेद मुस्ली के लिए भूमि की तैयारी
सफेद मुस्ली की खेती से पहले मई महीने में (जब मानसून करीब हो) खेत की अच्छे से 3-4 गहरी जोड़ी कर देनी चाहिए। अंतिम जोड़ी से पहले खेत में गोबर की सड़ी खाद 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में मिला कर खेत की जोड़ी करें।
पौधों या बीज में कीट न लगे उसके लिए 300 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के दार से नीम या करंज की खली को खेत में बेड बनाने से पहले मिट्टी में मिला दें। अब पूरे
खेत को हल कर दें, हल करते समय ध्यान रखें कि खेत की गहराई में और सफेद मुस्ली के बीच दरारें न हो।
बीज तैयारी
यूँ तो आप सफेद मुस्ली के खेती के लिए बाजार से तैयार बीज खरीद सकते हैं, लेकिन इससे आपको लाभ नहीं होगा। अगर आप अच्छे फायदे कमाना चाहते हैं तो आप स्वयं सफेद मुस्ली के बीज की खेती करें। इसके लिए आपको सफेद मुस्ली के छोटे छोटे पौधे काढ़ने होंगे।
अब इन्हें आपको धूप में सुखा देना होगा। जब इनकी धूप में सुखाई हो जाए तो इन्हें मार्बल या इसकी पत्तियों से बनी कटाई मशीन में से पास करें। अब जितने भी बीज निकलेंगे उन्हें एक बड़े धरें में सुखा दें।
पौधे काढ़ने का सही समय
सफेद मुस्ली की खेती करते समय ध्यान दें कि आप उसे मई-जून या फरवरी मार्च में ही खरीदें। इस समय उसमें जो औषधीय गुण होते हैं, वो सब गुण सही मात्रा में रहते हैं, जिससे उसमें अधिक मात्रा में बैक्टीरिया होते हैं जो उसको खराब कर सकते हैं।
सफेद मुस्ली की खेती कैसे करें?
सफेद मुस्ली की खेती में प्रति एकड़ में लगभग 25-30 हजार पौधे लगते हैं। अब इन्हें एक एकड़ के भग में 20 से 25 सेंमीटर के अंतराल पर एक-दूसरे से लगायें। इस प्रक्रिया को करते समय ध्यान दें कि एक बैग में सिर्फ एक ही प्रकार के पौधे हों। इससे उनमें जो औषधीय गुण होते हैं, वो सही मात्रा में रहते हैं।
पौधों को लगाने के बाद उनकी देखभाल भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है। उन्हें बारिश और धूप एक-दूसरे से अच्छे से मिलती हों। इससे उनमें जो औषधीय गुण होते हैं, वो सही मात्रा में रहते हैं। जब पौधे का उच्च 4 सेंमीटर तक हो जाए, तो इसे धूल देनी चाहिए। धूल देने
से पौधों में जो औषधीय गुण होते हैं, वो सभी औषधीय गुण खराब हो जाते हैं।
सफेद मुस्ली की खेती के दौरान उनकी देखभाल के लिए इन तरीकों का ध्यान रखें, तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। अब आप भी सफेद मुस्ली की उन्नत खेती करें और अच्छा मुनाफा कमाएं।
फसल की सेवा / देखभाल
यदि आप सफेद मुस्ली की खेती में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको इसकी सेवा या देखभाल का खास ध्यान रखना होगा। इसके लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1. सफेद मुस्ली की खेती में सही समय पर उसे जल दें। उचित पानी प्रबंधन और सिंचाई के लिए पंप का उपयोग करें।
2. फसल की खेती में कीटाणु और कीटनाशकों के खिलाफ नियंत्रण करें। जरूरत पड़ने पर कृषि विज्ञानी से सलाह लें।
3. पौधों की देखभाल के दौरान उन्हें खराब पदार्थों और कीटाणुओं से बचाएं।
4. फसल के विकास को मौसम की पर्याप्त जानकारी के साथ देखें और उचित प्रबंधन करें।
5. समय पर खेत की सफाई करें और फसल के निर्वाह का ध्यान रखें।
सफेद मुस्ली की पूर्ण बाढ़ जब फसल किस्म में आ जाए तब इसे काटने के लिए खरचा भी आता है। फसल काटने के लिए आपको फसल के किसान तक बिजली पंचायत के चक्कर कटवाने पड़ते हैं, जिससे आपको एक हेक्टेयर फसल काटने का 4,000 से 5,000 रुपये खर्चा आता है।
इसके बाद जब आपको खरीदारी के लिए यह बेचनी होती है तो आपको खरचे के साथ लागत का भी ध्यान रखना होता है। जब आप इसको खरीदने के लिए आपको खर्च करना होता है। जिससे आपका खर्चा खरीदारी तक आ जाता है। इसके बाद आप जितना बढ़ जाएंगे आप खरीदारी वालों से ज्यादा कीमत पर इसे बेच सकते हैं।
इसलिए इस खेती में आपको खर्चे में ज्यादा कुछ नहीं करना होता है। बस इसके लिए आपको इसकी खेती में इतना ध्यान रखना होता है।
Conclusion Points
भारत में सफेद मूसली की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक उद्यम हो सकता है। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में इसकी बढ़ती मांग के साथ, यह कृषि विस्तार के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है।
उपयुक्त मिट्टी का चयन करने, पर्याप्त सिंचाई प्रदान करने और कीट नियंत्रण उपायों को लागू करने सहित उचित खेती तकनीकों का पालन करके, किसान एक सफल फसल सुनिश्चित कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, सरकारी समर्थन और सब्सिडी और प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसी पहल किसानों को इस मूल्यवान फसल की खेती में प्रोत्साहित और सहायता कर सकती हैं।
इसलिए, किसानों के लिए सफेद मूसली की खेती की क्षमता का पता लगाना और भारत के कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान देना आवश्यक है।
FAQs
1. मैं सफेद मूसली के बीज कहां से खरीद सकता हूं?
आप सफेद मूसली के बीज विभिन्न ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं, स्वास्थ्य खाद्य दुकानों या विशेष जड़ी-बूटियों की दुकानों से खरीद सकते हैं।
2. सफेद मूसली के बीज की कीमत क्या है?
सफेद मूसली के बीज की कीमत ब्रांड, मात्रा और विक्रेता के आधार पर भिन्न हो सकती है। खरीदारी करने से पहले विभिन्न स्रोतों से कीमतों की तुलना करने की अनुशंसा की जाती है।
3. 100 ग्राम सफेद मूसली की कीमत कितनी है?
100 ग्राम सफेद मूसली की कीमत ब्रांड और गुणवत्ता पर निर्भर करेगी। वर्तमान मूल्य निर्धारण के लिए स्थानीय किराना स्टोर या ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं से जांच करना सबसे अच्छा है।
4. सफ़ेद मूसली की खेती का आदर्श समय कब है?
सफेद मूसली की खेती आमतौर पर वसंत या शुरुआती गर्मियों के दौरान की जाती है जब तापमान लगातार गर्म रहता है और पर्याप्त धूप होती है।
5. सफेद मूसली की खेती कैसे करनी चाहिए?
सफेद मूसली की खेती के लिए, आपको 6 से 7 के बीच पीएच स्तर वाली अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है। बीजों को लगभग 2-3 सेमी गहराई में लगाया जाना चाहिए और अंकुरण होने तक नम रखा जाना चाहिए।
6. मैं सफ़ेद मूसली के पौधे की पहचान कैसे कर सकता हूँ?
सफेद मूसली के पौधों की विशेषता लंबी, संकरी पत्तियाँ होती हैं जो पौधे के आधार के पास गुच्छों में उगती हैं। वे छोटे, सफेद फूल पैदा करते हैं जो अंततः गोल बीज फली में विकसित होते हैं।
7. क्या सफेद मूसली को घर पर उगाना आसान है?
हाँ, सफेद मूसली को उचित देखभाल और ध्यान से घर पर उगाया जा सकता है। हालाँकि, इसकी सफल खेती के लिए विशिष्ट बढ़ती परिस्थितियों जैसे अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और पर्याप्त धूप की आवश्यकता होती है।
8. क्या मैं सीधे पौधे से प्राप्त सफेद मूसली का सेवन कर सकता हूँ?
सफेद मूसली को सीधे पौधे से प्राप्त करने की अनुशंसा नहीं की जाती है क्योंकि उपभोग से पहले इसे ठीक से संसाधित करने की आवश्यकता होती है।
औषधीय पूरक बनाने के लिए जड़ों को आमतौर पर सुखाया जाता है और पाउडर बनाया जाता है या उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए विभिन्न व्यंजनों में जोड़ा जाता है।