Haldi ki Vaigyanik Kheti Kaise Kare, हल्दी के बारे में यह नई बात जान लीजिए

Hamare Kisan bhai Haldi ki Vaigyanik (scientific) Kheti kar ke accha kama sakte hain. Iski sampurna jankari aur kaise kare niche details mein di gayi hai.

Haldi ki Vaigyanik Kheti Kaise Kare

किसानों को हल्दी की खेती करने से बहुत हीं कम लागत में और कम खेती लायक जमीन में अच्छा मुनाफा हो सकता है। जैसा की हम सभी जानते है की हल्दी का उपयोग उपचार में हजारों सालों से होता आ रहा है. 

इसके आलावे हर घर में इसका उपयोग होता है, अतः इसकी मांग सालो भर रहती है। वैज्ञानिको द्वारा बताए गए तरीको से अगर हल्दी की खेती की जाये तो किसानो को अच्छे फसल की प्राप्ति हो सकती है। तो आइये जानते है की हल्दी की खेती करने समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Haldi (Turmeric) ki Kheti ki uchit jankari

Haldi ki Uchit Kheti Kaise Kare / How to do Turmeric Farming – Below given turmeric guide info guide and tips will help farmer to do it profitably. 

हल्दी की खेती

Kisan Bhai ke liye Haldi farming ki puri jankari niche se prapt kar ke apna business kar sakte hai.

हल्दी की खेती के लिए सही जलवायु 

वैसे तो हल्दी गर्मतर जलवायु का पौधा है लेकिन समुन्दरतल से लगभग 1500m के ऊंचाई तक के स्थानो में भी हल्दी की खेती की जा सकती है।

जब वायुमंडल का तापमान 20 से. ग्रे. से कम हो जाता है तो हल्दी के पौधे के विकास पर काफी प्रभाव पड़ता है। हल्दी को ज्यादातर छाया देने वाले पौधों के साथ बोया जाता है।

हल्दी को बोने और उसके उगने समय कम वर्षा और पौधों के विकास के समय अधिक वर्षा की जरूरत होती है। फसल पकने के एक महीने पहले सुखा वातावर्ण हो तो अच्छा होता है।

भूमि का चयन व तैयारी 

हल्दी के खेती के लिए मटियार दोमट भूमि जिसमे की जल निकास का प्रबंध अच्छा हो सबसे अच्छा माना जाता है। खेती शुरु करने से पहले खेत की अच्छे से जुताई कर लेनी चाहिए और हो सके तो मांदा का निर्माण भी कर लेना चाहिए।

हल्दी के किस्मे / Types of Turmeric

हल्दी के तीन किस्मे है :-

हल्दी का किस्म

  • अल्प कालीन किस्मे – इस किस्म के फसलें 7 महीने में पक कर तैयार हो जाते है।
  • मध्य कालीन किस्मे – इस किस्म के फसलें 8 महीने में पक कर तैयार हो जाते है।
  • दीर्घ कालीन किस्मे – इस किस्म के फसलें को पकने में लगभग 9 महिना लग जाता है।

हल्दी कैसे बोई जाती है?

हल्दी कैसे उगाई जाती है? हल्दी अदरक परिवार का एक पौधा है। मसाला बनाने के लिए पौधे के प्रकंद या भूमिगत तने का उपयोग किया जाता है। हल्दी उगाने के लिए, आपको अपने अंगूठे के आकार के बारे में ताजा प्रकंद का एक टुकड़ा चाहिए। आप अधिकांश एशियाई बाजारों में ताजी हल्दी प्राप्त कर सकते हैं। 

प्रकंद को पूर्ण सूर्य के संपर्क में अच्छी तरह से सूखा मिट्टी में रोपें। नियमित रूप से पानी और मासिक खाद। यह पौधा लगभग 10 महीनों में छोटे पीले फूलों के साथ खिल जाएगा। जब पत्तियां वापस मर जाती हैं, तो प्रकंदों को खोदकर कुछ दिनों के लिए किसी ठंडी, अंधेरी जगह में स्टोर करने से पहले सूखने दें।

सिंचाई / जल प्रबंधन / Water Management

अप्रैल के महीने में बोई गई फसल को गर्मियों में 10 से 12 दिन के अंतर पर सिंचाई करना चाहिए। प्रकन्न निर्माण के समय भूमि में नमी बनी रहनी चाहिए नहीं तो उपज में कमी आ जाती है। 

सिंचाई के लिए deep arigation या टपक पतिथि का इस्तेमाल करना चाहिए इससे जल का बचत होता है साथ ही मेहनत भी कम लगती है। 

खेत में ज्यादा देर पानी जमा रहने से फसल को नुकसान पहुँच सकता है इसलिए खेत के चारो ओर जल निकासी के लिए 50cm चौड़ी और 60cm गहरी नाली बना देनी चाहिए।

खाद प्रबंधन 

300 क्विंटल गोबर की खाद या composed को खेत में समान्य रूप से डाल कर मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की जुताई कर देनी चाहिए। 

इसके अलावा 200kg amunium sulphate और 200kg muriat of potash बुआई के पहले खेत में डाल देना चाहिए। फिर लगभग 40 दिनों बाद 150kg amunium sulphate, और 60 से 80 दिनों के बाद 65kg यूरिया फसल में डाल देना चाहिए।

रोग व किट नियंत्रण / Diseases Control

हल्दी के तने में छेद करने वाले किट जो की पौधों को ज्यादा प्रभावित करते है उसे डाईकोक्रोसिस पेक्टी फेरालियस कहा जाता है। इस किट से बचने के लिए किट ग्रसित तनो को काट कर फेंक देना चाहिए।

कुछ छोटे छोटे किट ऐसे भी होते है जो की पत्तियों और पौधे के अन्य भागो का रस चूसते है। इससे बचने के लिए वैज्ञानिको की सलाह द्वारा बताए गए फफूंदी नाशक दवाइयों का इस्तेमाल करना चाहिए।

Conclusion Points 

हल्दी (Curcuma longa) एक मसाला है जिसका उपयोग भारत में सदियों से किया जाता रहा है। पौधा अदरक परिवार का सदस्य है और भारत और दक्षिण पूर्व एशिया का मूल निवासी है। 

हल्दी उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगाई जाती है और इसके लिए गर्म तापमान और पर्याप्त वर्षा की आवश्यकता होती है। मसाला पौधे की सूखी जड़ से बनाया जाता है और इसका रंग पीला-नारंगी होता है। इसका उपयोग अक्सर करी और अन्य भारतीय व्यंजनों में किया जाता है।

भारत में हल्दी की खेती 4,000 साल पहले शुरू हुई थी। सबसे पहले स्पाइस आइलैंड्स ने बड़े पैमाने पर हल्दी की खेती की। 

द्वीपों की जलवायु और मिट्टी हल्दी उगाने के लिए अच्छी तरह से अनुकूल है। आज भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक है। हल्दी उगाने वाले अन्य देशों में चीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।

आप सज्जन कृषि ऑनलाइन वेबसाइट पर आए, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. मैं बहुत ईमानदारी से कह सकता हूं कि यह इंटरनेट पर अंतिम या पहला आर्टिकल नहीं है.

मैंने, आप किसान भाइयों को सही जानकारी देने का एक प्रयास किया हूं. मैं किसी भी कीमत पर नहीं चाहता हूं कि आप किसान भाइयों को थोड़ा सा भी नुकसान हो.

Krishi Online वेबसाइट पर आप खेती-बाड़ीपशुपालन और सरकारी वेबसाइट पर किसानों के लिए योजनाएं से संबंधित अन्य आर्टिकल को पढ़ सकते हैं. इसके अलावा मैंने दूसरे वेबसाइटों का भी लिंक (Reference) नीचे दिया है. उम्मीद करता हूं कि मैं आपका एक विश्वासी लेखक बन सकूंगा.

Reference