क्या आप भिंडी की खेती करना चाहते हैं? यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. कृपया ध्यान से नीचे तक चेक कीजिए.
अगर आप साइंटिफिक तरीके से भिंडी की खेती करते हैं तो आप सालाना लाखों रुपए की कमाई बड़े ही आसानी से कर सकते हैं. वर्ष 2022 तक भिंडी की खेती करने के कई नए साइंटिफिक टेक्निक बाजार में आ चुके हैं जिसे अपना करके आप बिना नुकसान की ही यह खेती कर सकते हैं.
Bhindi kheti ki jankari
भिंडी की खेती कैसे करें? इस प्रश्न का उत्तर एग्रीकल्चर कॉलेज के एक अध्यापक के द्वारा तैयार किया गया है. मुझे पूर्ण रूप से भरोसा है कि यह आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप बड़े ही आसानी से उन्नत किस्म की भिंडी की खेती कर सकते हैं.
भिंडी की खेती के लिए जलवायु कैसा होना चाहिए?
भिंडी की खेती करने के लिए गर्मी का मौसम सबसे उपयुक्त होता है। किंतु आपको मौसम की जानकारी समय-समय पर लेना पड़ेगा ज्यादा गर्मी पड़ने पर सिंचाई करना आवश्यक हो जाता है.
अच्छे फल की उत्पादन के लिए कम से कम 20 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान होना चाहिए। 40 डिग्री से अधिक तापमान होने पर फुल झड़ सकते हैं.
भूमि की तैयारी
खेती शुरू करने से पहले भूमि और मिट्टी दोनों की अच्छे से निरीक्षण कर लेना चाहिए इससे अच्छे फसल की प्राप्ति होती है। वैसे तो भिंडी की खेती किसी भी तरह के भूमि पर किया जा सकता है।
लेकिन हल्की दोमट मिट्टी जिसमे जल निकासी अच्छी हो इसकी खेती के लिए सर्वोतम है। अतः भिंडी की खेती करने के लिए भूमि की कम से कम 2,3 बार जुताई कर के उसे फिर से समतल कर देना चाहिए।
बीज / रोपन
गर्मी के मौसम में 1 हेक्टेयर भूमि में लगभग 20kg बिज रोपने के लिए उत्तम होता है। वर्षा के मौसम में लगभग 15kg बिज रोपने के लिए काफी होता है।
बिज में अच्छे अंकुर होने के लिए बिज को रोपने से पहले कम से कम 24 घंटे तक पानी में डाल कर छोड़ देना चाहिए।
गर्मी के मौसम में भिंडी की रोपाई करना सबसे सर्वोतम होता है। भिंडी की रोपाई एक कतार(line) से करना चाहिए और हर line की दूरी कम से कम 25 से 30cm होनी चाहिए।
रोपाई के वक़्त दो पौधों के बिच की दूरी कम से कम 20cm होनी चाहिए। वर्षा के मौसम में दो line की दूरी लगभग 40cm और दो पौधों के बिच की दूरी लगभग 30cm होनी चाहिए।
गड्ढे की खोदाईव / खाद
बीज रोकने से लगभग 15 से 20 दिन पहले गड्ढे की खुदाई कर लेना चाहिए अगर उसमें कोई खत पतवार एवं अन्य पौधे है तो उसको हटा देना चाहिए. शरा गोबर डालने से ज्यादा उत्पादन होता है.खाद के मुख्य elements में नत्रजन 60kg, सल्फर 30kg, व पोटाश 50kg को प्रति हेक्टर की दर से मिट्टी में देना सही माना जाता है.
बिज रोपने से पहले भूमि में nitrogen की आधी और sulphur व potash की पूरी मात्रा देनी चाहिए।
बीज रोपने के बाद लगभग हर 30 दिन के अंतर पर nitrogen की बची हुई मात्रा को दो बार कर के देना चाहिए।
कीट / रोग से बचाव
पीत शिरा रोग
इस रोग की वजह से भिंडी के पौधों की पत्तियां व फुल पूरी तरह से पीली हो जाती है. जिसकी वजह से पौधे का विकाश रुक जाता है। वर्षा के मौसम में इस रोग के लगने की सम्भावना अधिक होती है। इस रोग से प्रभावित हुए पौधे को जड़ से उखाड़ कर फेक देना चाहिए।इस रोग से बचने के लिए एक मिलीलीटर आक्सी मिथाइल डेमेटान को पानी में मिला कर पम्प द्वारा भिंडी के खेत में छिड़काव करना आवश्यक है।
चूर्णिल आसिता
इस रोग की वजह से भिंडी के पौधो की निचली पत्तीओं पर सफ़ेद चूर्ण जैसा पिला दाग पड़ने लगता है जो की बहुत हीं तेजी से बढ कर पुरे पौधे में फ़ैल जाती है। इसे जल्द से जल्द ना रोकने पर फल की 30% उत्पादन कम हो जाती है।
इस रोग से बचने के लिए 2 kg गंधक को 1 लीटर पानी में घोल कर कम से कम 2 से 3 बार इसका छिड़काव करना चाहिए। उसके बाद हर 15 दिन पर इसका छिड़काव करते रहना चाहिए।
प्ररोह / फल छेदक
किट नाजुक तने में छेद कर देती है. जिसकी वजह से तना सूखने लगता है. साथ ही साथ फुलो पर भी आक्रमण करती है जिसकी वजह से फल लगने से पहले फुल गिर सकती है। ज्यादातर ये किट वर्षा के समय लगती है।
अतः इससे बचने के लिए सबसे पहले प्रभावित फूलो और तनों को काटकर फेक दे फिर 1.5 ml इंडोसल्फान को प्रति लीटर पानी में मिला कर कम से कम 2 से 3 बार इसका छिड़काव करे।
जैसिड
ये किट भिंडी के पौधे में लगे फुल,फल,पत्तियां और तने का रस चुसकर इन सब को नुकसान पहुंचती है जिसकी वजह से सरे प्रभावित फुल,फल,पत्तियां और तने गिर जाते है।
उपज और फल की तोड़ाई
किसानो को भिंडी की खेती गर्मी के मौसम में करने से ज्यादा benefit हो सकता है. क्योंकि सभी मौसम के अपेक्षा गर्मी के मौसम में भिंडी की उपज अधिक होती है (कम से कम 65 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टर तक)।
लगभग 50 से 60 दिनों में फलो की तोड़ाई शुरु कर दी जाती है। फल की तोड़ाई हर 5 से 6 दिन के अंतर पर करनी चाहिए।
Conclusion Points
आप सज्जन कृषि ऑनलाइन वेबसाइट पर आए इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. मैं बहुत ईमानदारी से कह सकता हूं कि यह इंटरनेट पर अंतिम या पहला आर्टिकल नहीं है.
मैंने, आप किसान भाइयों को सही जानकारी देने का एक प्रयास किया हूं. मैं किसी भी कीमत पर नहीं चाहता हूं कि आप किसान भाइयों को थोड़ा सा भी नुकसान हो.
भिंडी की खेती कई तरीकों से की जा सकती है। एक तरीका यह है कि ठंढ के सभी खतरे बीत जाने के बाद बगीचे में सीधे बीज बोएं। दूसरा तरीका यह है कि आखिरी ठंढ की तारीख से लगभग चार सप्ताह पहले बीजों को घर के अंदर शुरू कर दिया जाए।
एक बार भिंडी के पौधे स्थापित हो जाने के बाद, उन्हें नियमित रूप से पानी देने और खाद डालने के अलावा बहुत कम देखभाल की आवश्यकता होती है। कटाई तब शुरू हो सकती है जब फल लगभग तीन इंच लंबे हों। चोट से बचने के लिए, फलों को हाथ से खींचने के बजाय तेज चाकू से पौधे से काट लें।
FAQs
प्रश्न – भिंडी की खेती किस मौसम में करना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है?
उत्तर – गर्मी के मौसम में इस फसल को उगाना सबसे अच्छा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह गर्मी-हार्डी फसल है और गर्मियों में ज्यादा पानी या सिंचाई की आवश्यकता नहीं होगी। यह छोटे खेतों और सीमित भूमि के साथ भी उगाया जाता है, इसलिए यह उन किसानों के लिए भी बहुत अच्छा है जो बहुत अधिक भूमि का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं।
सर्दियों में, इस फसल को बहुत अधिक पानी और सिंचाई की आवश्यकता होती है, लेकिन फिर भी एक बड़े खेत और बड़े खेतों पर बढ़ने में सक्षम होगी। खरीफ सीजन में, इस फसल को अधिक पानी की आवश्यकता होगी और यह कीटों और बीमारियों के लिए अतिसंवेदनशील होगा।
भिंडी की कटाई गर्मियों और खरीफ दोनों मौसमों में की जाती है। यह गर्म मौसम की फसल है। भिंडी को सभी प्रकार की भूमि में अच्छी जल निकासी के साथ उगाया जा सकता है। भूमि का पीएच मान 7.0 से 7.8 है।
प्रश्न – भिंडी का बीज कौन सा अच्छा होता है?
उत्तर – भिंडी का बीज भौगोलिक स्थिति के अनुसार अलग-अलग होता है. किंतु भारत में अर्का अभय, अर्का अनामिका, परभनी क्रांति, वर्षा उपहार भिंडी की प्रमुख किस्में हैं. यह किस में सबसे ज्यादा उगाई जाती है.
प्रश्न – भिंडी में कौन सी दवा डाली जाती है?
उत्तर – भिंडी की खेती में कई कीटनाशक का उपयोग होता है जिसमें मैलाथियान 50 ई.सी. मुख्य रूप से उपयोग होता है जिसे पानी में मिलाकर 15 दिनों के अंतराल में दिया जाता है.
Krishi Online वेबसाइट पर आप खेती-बाड़ी व पशुपालन और सरकारी वेबसाइट पर किसानों के लिए योजनाएं से संबंधित अन्य आर्टिकल को पढ़ सकते हैं. इसके अलावा मैंने दूसरे वेबसाइटों का भी लिंक (Reference) नीचे दिया है. उम्मीद करता हूं कि मैं आपका एक विश्वासी लेखक बन सकूंगा.
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