Lahsun ki Vaigyanik Kheti – लहसुन की नई किस्मों को जानिए 

Yakin maniye Lahsun ki uchit kheti kar ke aap lakho mein kama sakte hain. Jahan tak kaise kare ka sawal hai, apke pass kewal acchi jankari aur Vaigyanik tarike ko apnakar start kiya jaa sakta hai.

Lahsun ki Uchit kehti karne ke tarike

लहसुन की खेती को अगर कृषि वैज्ञानिक के बताए गए तरीके से की जाये तो किसानो को बहुत कम खर्च में अच्छा benefits हो सकता है। अगर भूमि और फसल की अच्छे से देखभाल की जाये तो किसानो को प्रति hectare 100 से 200 क्विंटल उपज मिल जाती है। 

वैज्ञानिको द्वारा लहसुन की खेती के लिए कैसी भूमि होनी चाहिए, खेत में कब और कितना खाद देना चाहिए, कब कब सिंचाई करनी चाहिए आदि की जानकारी हम आपको निचे बताएँगे।

1 एकड़ में लहसुन का उत्पादन कितना होता है? 

अगर आप नहीं सेंटिफिक ढंग से लहसुन की खेती 1 एकड़ भूमि में करेंगे तो आपका कुल उपज 50 से लेकर के 60 क्विंटल तक हो सकता है. यह कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे जमीन की गुणवत्ता एवं सही नस्ल का चुनाव पर हो सकता है.

Lahsun ki Uchit kehti karne ke tarike

Lahsun ki Kheti Kaise Kare – Agar aapke pass badi se jamin hai aur sahi tarike se Garlic ki kheti ki jaye to aap lakhon mein aasani se 3 months mein kama sakte hai. 

लहसुन की खेती

Iske liye aapko Vaigyanik tarike ko apnakar lahsun ki uchit kheti karni hogi aur hard work ke saath aap isse accha business kar sakte hai.

खेती के लिए भूमि का चयन/  Selection of Land

लहसुन की खेती के लिए दोमट भूमि जिसमे जल निकलने की प्रबंध अच्छी हो उसे सबसे उत्तम माना जाता है। 

लहसुन की खेती शुरु करने से पूर्व भूमि की जुताई कर के उसे भुरभुरा बना कर उसपर पाटा चला देना चाहिए इससे भुरभुरी भूमि फिर से समतल हो जाती है।

खेती के लिए जलवायु 

लहसुन की खेती के लिए ठंडी जलवायु की जरुरत पड़ती है क्योंकि ठंड में दिन छोटा होने के कारण   कंद का उत्पादन अच्छे से होता है। 

लहसुन की खेती समुद्र के level से 1000-1400m तक कि ऊंचाई पर की जा सकती है। लहसुन की खेती के लिए लगभग 30 से 35 डिग्री से. तक का  temperature और लगभग 10 घंटे का दिन को उत्तम माना जाता है।

बीजोपचार / बीज बुवाई 

लहसुन की खेती में बीज बुवाई से पूर्व बीजों को Kerosene से उपचारित कर लेना चाहिए। बीज बोने के लिए भूमि को 4 से 5cm गहरा खोद लेना चाहिए। 

फसल की अच्छी उपज हेतु लहसुन को डबलिंग विधि से बोना चाहिए। बुवाई करने वक्त कतार से कतार की दुरी लगभग 15 cm और पौधों से पौधों की दूरी लगभग 8cm होनी चाहिए।

खाद प्रबंधन

लहसुन के अधिक उत्पादन के लिए 1 एकड़ के हिसाब से लगभग 25 ton सड़ी हुई गोबर की खाद को अपने खेत में डाल दें। 

इसके अलावा 50 kg भू-पावर, 40 kg माइक्रो फर्टीसिटी कम्पोस्ट, 10 kg माइक्रो भू-पावर,  10 kg सुपर गोल्ड कैल्सीफर्ट, 50 kg अरंडी की खली और 20 kg माइक्रो नीम, को अच्छी तरह एक साथ मिला कर के तैयार लें. 

Lahsun ki Vaigyanik Kheti

फिर खेत में समान मात्रा में बिखेर कर जुताई कर खेत तैयार करें उसके बाद बीज की बुवाई करे। .

बीज बोने के लगभग 25 दिन बाद उसमे 1 kg सुपर गोल्ड मैनिशियम और 500 माइक्रो झाइम को  400ml  पानी में घोल बनाकर पम्प द्वारा खेत में छिड़काव करें उसके बाद हर 15 से 20  दिन के interval में दूसरा और तीसरा छिड़काव करे।

खरपतवार नियंत्रण 

लहसुन की खेती में खरपतवार को नष्ट करने हेतु इसकी निराई गुड़ाई जरुर से करें। पहली निराई गुड़ाई बीज बोने के लगभग 25 दिन बाद खुरपी से करें। फिर दूसरी निराई गुड़ाई लगभग 50 दिन के बाद करें।

सिंचाई /जल प्रबंधन 

लहसुन की खेती में फसल की वृद्धि हेतु भूमि में नमी का होना जरुरी होता है इसलिए बीज बोने के तुरंत बाद पहली सिंचाई कर देनी चाहिए। उसके बाद हर 15 days के interval में खेत की सिंचाई करनी चाहिए।

रोग / किट नियंत्रण

लहसुन में लगने वाले रोग व किट इस प्रकार के होते है :-

थ्रिप्स किट :- थ्रिप्स किट दिखने में छोटे छोटे व पीले (yellow) रंग के होते है जो की पत्तियों का रस चूस कर उसपर सफ़ेद रंग के धब्बा बना देते है।

इस किट से बचाव के लिए नीम का काढ़ा बना कर माइक्रो झाइम के साथ mix कर के 250ml पानी में घोल कर पम्प से खेत में छिड़काव करें।

बैंगनी धब्बा रोग :- इस रोग में पत्तो पर और तने पर छोटे छोटे गुलाबी(pink) रंग के धब्बे हो जाते है। 

इस रोग से बचाव के लिए नीम का काढ़ा बना कर माइक्रो झाइम के साथ mix कर के 250ml पानी में घोल कर पम्प से खेत में छिड़काव करें।

स्टेमफिलियम ब्लाईट रोग :- नम weather में लगने वाला यह रोग फफूंदी के कारण होता है। 

इस रोग से बचाव के लिए नीम का काढ़ा बना कर माइक्रो झाइम के साथ mix कर के 250ml पानी में घोल कर पम्प से खेत में छिड़काव करें।

फसल की खुदाई 

लहसुन का फसल 2 month में ready हो जाता है। जब लहसुन का फसल तैयार हो जाता है तो उसके पत्ते पीले हो कर नष्ट हो जाते है। 

फसल तैयार होने के बाद कंदों को पौध सहित खोद कर उखाड़ लेना चाहिए फिर उसका बण्डल बनाकर 3 से 4  दिन तक धुप में सुखाया जाना चाहिए।

Conclusion Points 

कई व्यंजनों में सबसे आम और स्वादिष्ट जड़ी बूटियों में से एक, लहसुन (एलियम सैटिवम) भी विकसित करना अपेक्षाकृत आसान है। बस थोड़ी सी योजना और देखभाल के साथ, आप अपने घर के बगीचे में लहसुन की सफलतापूर्वक खेती कर सकते हैं।

यहाँ लहसुन की खेती करने के कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  1. अच्छी क्वालिटी की लौंग से शुरुआत करें। आप इन्हें एक नर्सरी या ऑनलाइन रिटेलर से खरीद सकते हैं जो लहसुन के बल्बों में विशेषज्ञता रखते हैं।
  2. अपने क्षेत्र में पहली ठंढ की तारीख से लगभग 6-8 सप्ताह पहले लौंग को शुरुआती गिरावट में रोपें।
  3. अपने बगीचे में अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी के साथ धूप वाली जगह चुनें।
  4. व्यक्तिगत रोपण छेद खोदें जो लगभग 4-6 इंच गहरे हों और उन्हें लगभग 6 इंच अलग रखें।
  5. प्रत्येक छेद में एक लौंग रखें, ऊपर की ओर इंगित करें, और मिट्टी से ढक दें।

आप सज्जन कृषि ऑनलाइन वेबसाइट पर आए, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. मैं बहुत ईमानदारी से कह सकता हूं कि यह इंटरनेट पर अंतिम या पहला आर्टिकल नहीं है.

मैंने, आप किसान भाइयों को सही जानकारी देने का एक प्रयास किया हूं. मैं किसी भी कीमत पर नहीं चाहता हूं कि आप किसान भाइयों को थोड़ा सा भी नुकसान हो.

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